A blog about hindu dharam, Hindu Itihas, religion, thoghts, culture, amazing fact about hindu dharam, gods, devi, devta, pooja, festivals, Amazing and Interesting Facts & Stories In Hindi

Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Friday, September 16

Palmistry Fate line in Hindi : भाग्य रेखा बताती है आपके भाग्य के बारे में ये 10 महत्तवपूर्ण बातें

Palmistry Fate line in Hindi : हमारी हथेली में कई प्रकार की रेखाएं होती हैं, जैसे- जीवन रेखा, हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा, विवाह रेखा, सूर्य रेखा, बुध रेखा, भाग्य रेखा आदि। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार भाग्य रेखा बताती है कि व्यक्ति भाग्यशाली है या नहीं।

कहां होती है भाग्य रेखा



भाग्य रेखा सामान्यत: जीवन रेखा, मणिबंध, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा या चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है) की ओर जाती है।

भाग्य रेखा का फलादेश


  1. यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं।
  2. यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है।
  3. जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं।
  4. यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।
  5. यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है।
  6. यदि भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है।
  7. भाग्य रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही विलंब से होता है।
  8. भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है।
  9. भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है।
  10. हथेली में दो भाग्य रेखाएं बहुत शुभ होती है।
  11. यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति खुद की गलती से असफलताएं प्राप्त करता है।





  • जीवन रेखा: जीवन रेखा शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाला भाग) को घेरे रहती है। यह रेखा तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होती है और मणिबंध तक जाती है।
  • मस्तिष्क रेखा: यह रेखा हथेली के मध्य भाग में आड़ी स्थिति में रहती है। मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान के पास से ही शुरू होती है। मस्तिष्क रेखा यहां से प्रारंभ होकर हथेली की दूसरी ओर जाती है।
  • हृदय रेखा: यह रेखा मस्तिष्क रेखा के बराबर चलती है। हृदय रेखा की शुरुआत हथेली पर बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के नीचे वाला भाग) के नीचे से आरंभ होकर गुरु पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग को गुरु पर्वत कहते हैं।) की ओर जाती है।
  • मणिबंध: हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी अवस्था में कुछ रेखाएं होती हैं, इन्हीं रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है।
  • सूर्य रेखा: यह रेखा सामान्यत: हथेली के मध्यभाग में रहती हैं। सूर्य रेखा मणिबंध (हथेली के अंतिम छोर के नीचे स्थित आड़ी रेखाओं को मणिबंध कहते हैं।) से ऊपर रिंग फिंगर के नीचे वाले सूर्य पर्वत की ओर जाती है।
  • स्वास्थ्य या बुध रेखा: यह बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहते हैं।) से आरंभ होकर शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाले भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं) की ओर जाती है।


हथेली में पर्वतों की स्थिति

– तर्जनी उंगली के नीचे गुरु पर्वत होता है।
– मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है।
– अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत होता है।
– सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है।
– अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है।
– शुक्र पर्वत के सामने हथेली के दूसरी ओर चंद्र पर्वत होता है।
– चंद्र पर्वत और बुध पर्वत के मध्य मंगल पर्वत रहता है।



ध्यान रखें यहां सिर्फ भाग्य रेखा के आधार पर भविष्य से संबंधित जानकारी दी गई है। अन्य रेखाओं के शुभ-अशुभ प्रभाव से यहां बताया गया फलादेश बदल भी सकता है। एकदम सही भविष्यवाणी के लिए दोनों हथेलियों की सभी रेखाओं का गहन अध्ययन किया जाना चाहिए।

Source

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot

Pages