एक दृश्य कि कल्पना कीजिये, आप भूत, प्रेत और आत्म मे विशवास करते है। आप आधी रात को, बरसों से बन्द पड़ी एक वीरान और भूतिहा इमारत के पास से गुजर रहे है और आपको उस इमारत कि चौथी मंजिल कि बालकनी पर , बाहर कि और पैर लटकाए बैठी हुईं एक लड़की (ऐसे कि जरा सा संतुलन बिगड़े और लड़की सिधे नीचे), अस्त व्यस्त सी हालत मे नज़र आये तो आपकी क्या हालत हो ?
ऐसा ही एक डरावना नजारा गुरुवार कि आधी रात को सूरत मे घटित हुआ। सूरत शहर के प्रसिद्ध पार्ले प्वाइंट अपार्टमेंट के पास एक इमारत स्थित है जो कि पिछले कई सालों से बन्द और वीरान है। सूरत के लोग उसे भूतहा इमारत कहते है। इसी इमारत के पास से गुरुवार आधी रात को चार दोस्त गुजर रहे थे। अचानक उन्हें इमारत से कुछ गिरने कि आवज़ सुनाई दि , उन्होने मुङ कर देख तो वह एक लेडीज़ सेंडिल पड़ी थी।
उत्सुकतावश उन्होने ऊपर नजर कि तो उन सब के होश उड़ गये। उन्हें उस भूतिहा इमारत कि चौथी मन्ज़िल कि बालकनी पर बड़े हि ख़तरनाक़ तऱीके से बैठी हुईं एक अस्त व्यस्त सि लडकी नज़र आई।
उन्होंने तुरंत अपने पहचान वालो को फोन किये। जल्दी ही ये खबर आग कि तरह फ़ैली और थोङी हि देर मे वह पर कॉफी भीड इक्ट्ठी हो गई। लोगों ने पुलिस, और फायर बिग्रेड को भि फ़ोन कर दिये।
इसी बीच लड़की वही बैठी रही। अपनी आदत के अनुसार पुलिस काफी देर तक वह नहि पहुंची तो कुछ दिलेर लोगों ने बिल्डिंग के अन्दर प्रवेश किया। चुकी बिल्डिंग के सारे रास्ते बन्द थे इसलिए उन्हे बड़ी मुश्किल से खिड़की के रास्ते प्रवेश करना पड़ा। बिल्डिंग में प्रवेश करके वो लोग उस लड़की के पास पहुचे तो उन्हे वो लड़की मानसिक रूप से बीमार लगी। वो उसे नीचे लेके आये। तब तक पुलिस भी आ गई , पुलिस ने उस लड़की को अस्पताल मे भर्ती करा दिया।
तो क्या घटना समाप्त हुई ?
जी नहीं। अब लोगो के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह, कि मानसिक रूप से अस्वस्थ लड़की बन्द पडी इमारत के चौथे माले तक कैसे पहुचीं ?
Source
ऐसा ही एक डरावना नजारा गुरुवार कि आधी रात को सूरत मे घटित हुआ। सूरत शहर के प्रसिद्ध पार्ले प्वाइंट अपार्टमेंट के पास एक इमारत स्थित है जो कि पिछले कई सालों से बन्द और वीरान है। सूरत के लोग उसे भूतहा इमारत कहते है। इसी इमारत के पास से गुरुवार आधी रात को चार दोस्त गुजर रहे थे। अचानक उन्हें इमारत से कुछ गिरने कि आवज़ सुनाई दि , उन्होने मुङ कर देख तो वह एक लेडीज़ सेंडिल पड़ी थी।
उत्सुकतावश उन्होने ऊपर नजर कि तो उन सब के होश उड़ गये। उन्हें उस भूतिहा इमारत कि चौथी मन्ज़िल कि बालकनी पर बड़े हि ख़तरनाक़ तऱीके से बैठी हुईं एक अस्त व्यस्त सि लडकी नज़र आई।
उन्होंने तुरंत अपने पहचान वालो को फोन किये। जल्दी ही ये खबर आग कि तरह फ़ैली और थोङी हि देर मे वह पर कॉफी भीड इक्ट्ठी हो गई। लोगों ने पुलिस, और फायर बिग्रेड को भि फ़ोन कर दिये।
इसी बीच लड़की वही बैठी रही। अपनी आदत के अनुसार पुलिस काफी देर तक वह नहि पहुंची तो कुछ दिलेर लोगों ने बिल्डिंग के अन्दर प्रवेश किया। चुकी बिल्डिंग के सारे रास्ते बन्द थे इसलिए उन्हे बड़ी मुश्किल से खिड़की के रास्ते प्रवेश करना पड़ा। बिल्डिंग में प्रवेश करके वो लोग उस लड़की के पास पहुचे तो उन्हे वो लड़की मानसिक रूप से बीमार लगी। वो उसे नीचे लेके आये। तब तक पुलिस भी आ गई , पुलिस ने उस लड़की को अस्पताल मे भर्ती करा दिया।
तो क्या घटना समाप्त हुई ?
जी नहीं। अब लोगो के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह, कि मानसिक रूप से अस्वस्थ लड़की बन्द पडी इमारत के चौथे माले तक कैसे पहुचीं ?
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