Side Effects of Not Eating Breakfast: बिजी शेड्यूल और भागमभाग के चलते कई लोग सुबह नाश्ता नहीं कर पाते हैं। वजन घटाने की कोशिश करने वाले भी कई बार यह सोचकर ब्रेकफास्ट छोड़ देते हैं कि इससे वे कैलोरी इनटेक कम कर सकेंगे। लेकिन यह गलती आपको बीमार बना सकती है। सुबह नाश्ता करना हेल्दी शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। आइए जानते है सुबह नाश्ता नहीं करने से शरीर पर क्या गंभीर साइड इफ़ेक्ट हो सकते है।
एसिडिटी होने लगती है
रातभर पेट खाली रहने के कारण उसमें एसिड्स की मात्रा बढ़ जाती है। एसिड्स का काम खाना पचाने का होता है। जब पेट में कुछ नहीं होगा तो ये एसिड्स एसिडिटी बढ़ाने लगते हैं।
वजन बढ़ता है
नाश्ता न करने से बॉडी का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है जिससे बॉडी की कैलोरी बर्न करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे वजन तेज़ी से बढ़ता है।
अल्सर का खतरा बढ़ता है
नाश्ता न करने से एसिडिटी की प्रॉब्लम बढ़ती है। ये प्रॉब्लम लंबे समय तक बनी रहे तो अल्सर भी हो सकता है।
हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है
अमेरिकन स्टडी के मुताबिक़, नाश्ता न करने वाले लोगों में 27% तक हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, नाश्ता न करने से मोटापा बढ़ता है, जिससे हार्ट पर बुरा असर पड़ता है।
डायबिटीज़ हो सकती है
ओबेसिटी जर्नल की स्टडी कहती है कि नाश्ता न करने से वजन बढ़ता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा 54 % तक बढ़ सकता है।
एनर्जी की कमी हो सकती है
नाश्ता न करने से बॉडी का ग्लूकोज़ लेवल कम हो जाता है। इससे दिनभर बॉडी में एनर्जी की कमी और थकान हो सकती है।
मूड बिगड़ सकता है
नाश्ता न करने से बॉडी चिड़चिड़ापन बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स (कॉर्टिसोल हॉर्मोन) का लेवल बढ़ता है जिससे मूड बिगड़ता है।
ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है
नाश्ता न करने से ब्रेन को पर्याप्त न्यट्रिशन और एनर्जी नहीं मिल पाती है। इससे ब्रेन के फंक्शन्स पर बुरा असर पड़ता है। किसी काम में मन न लगने की प्रॉब्लम भी हो सकती है।
माइग्रेन हो सकता है
नाश्ता न करने से हम देर तक खाली पेट रहते हैं। इस दौरान बॉडी का ग्लूकोज़ लेवल बैलेंस करने के लिए कुछ हॉर्मोन्स रिलीज़ होते हैं। इससे BP बढ़ता है और माइग्रेन का अटैक आ सकता है।
स्ट्रेस बढ़ सकता है
शिकागो यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है, नाश्ता न करने वाले ज्यादातर लोगों को लंच तक तेज़ भूख लगी होती है। ऐसे में वे अक्सर अनहेल्दी फ़ूड खा लेते हैं। इससे स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी कई बीमारियों खतरा बढ़ता है।
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